सबसे बड़ी विफलता: कांग्रेस ने विदेशी दौरों पर गए सरकारी प्रतिनिधिमंडलों की उपयोगिता पर उठाए सवाल

द मीडिया टाइमेस डेस्क 

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्र की मोदी सरकार की विदेश नीति पर तीखा हमला बोला और संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के विदेशी दौरों की उपयोगिता पर गंभीर सवाल खड़े किए। पार्टी ने आरोप लगाया कि विदेश भेजे गए इन प्रतिनिधिमंडलों की उन देशों के राष्ट्राध्यक्षों या शीर्ष नेतृत्व से कोई ठोस मुलाकात नहीं हो पा रही है, जो सरकार की कूटनीतिक विफलता को दर्शाता है।

कांग्रेस प्रवक्ताओं ने इसे भारत की विदेश नीति की “सबसे बड़ी विफलता” बताते हुए कहा कि इन यात्राओं का कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आ रहा। पार्टी ने पूछा, “अगर प्रतिनिधिमंडल भेजे जा रहे हैं लेकिन उनसे जुड़ी उच्च स्तरीय बैठकें ही नहीं हो रहीं, तो फिर इसका देश को क्या लाभ मिल रहा है?”

कांग्रेस ने दावा किया कि मोदी सरकार की विफल विदेश नीति ने भारत की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि आज भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नजरअंदाज किया जा रहा है और यह स्थिति भारत की गरिमा के लिए चिंता का विषय है।

पार्टी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि यह सिर्फ दिखावे की कूटनीति है, जहां नतीजों की बजाय प्रचार को प्राथमिकता दी जा रही है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि इन दौरों से भारत को क्या व्यावहारिक लाभ मिला और क्या कोई समझौते या सहयोग की दिशा में ठोस प्रगति हुई।

कुल मिलाकर, कांग्रेस ने विदेश नीति को लेकर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि यह ‘इवेंट मैनेजमेंट’ से आगे नहीं बढ़ सकी है।

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