मुंबई में वक्फ कानून के खिलाफ शुक्रवार को बड़ा बवाल देखने को मिला। AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) पार्टी के वरिष्ठ नेता वारिस पठान के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। जुमे की नमाज़ के बाद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और वक्फ एक्ट के खिलाफ नारेबाज़ी की। प्रदर्शन की शुरुआत एक शांतिपूर्ण विरोध के तौर पर हुई थी, लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, हालात तनावपूर्ण हो गए।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वक्फ बोर्ड और उससे जुड़े कानूनों का गलत इस्तेमाल हो रहा है। AIMIM नेताओं ने आरोप लगाया कि वक्फ संपत्तियों पर पारदर्शिता नहीं है और आम मुसलमानों को इस कानून की वजह से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका यह भी कहना था कि वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन कुछ गिने-चुने लोगों के हाथों में है, जिससे भ्रष्टाचार और मनमानी को बढ़ावा मिल रहा है।
वारिस पठान ने प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि वक्फ कानून को रद्द किया जाना चाहिए या इसमें व्यापक सुधार होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग कर रही है और मुस्लिम समाज के हितों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून “काला कानून” बन गया है और इससे मुसलमानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
हालांकि, जैसे ही प्रदर्शन उग्र होने लगा और भीड़ सड़कों पर बढ़ती गई, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की। पुलिस ने AIMIM नेता वारिस पठान को हिरासत में ले लिया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी।
वारिस पठान को हिरासत में लेने के बाद प्रदर्शनकारियों में आक्रोश फैल गया। कई इलाकों में दुकानों को बंद करना पड़ा और ट्रैफिक पर भी असर पड़ा। हालांकि, पुलिस की त्वरित कार्रवाई की वजह से किसी बड़ी हिंसा की खबर नहीं आई और हालात को जल्द ही काबू में कर लिया गया।
इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है। AIMIM ने इसे अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज को दबाने की साज़िश बताया है, वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले चुनावों में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है।
अब देखना होगा कि सरकार वक्फ कानून को लेकर क्या रुख अपनाती है और AIMIM इस आंदोलन को किस दिशा में ले जाती है। वारिस पठान की गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं, और कई लोगों ने उनके समर्थन में आवाज़ उठाई है।

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