महाराष्ट्र के सभी विभागों को बाह्य ऋण के लिए लेनी होगी मुख्यमंत्री की मंजूरीः आदेश

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी विभागों को बाह्य ऋण लेने के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत, सभी विभागों को बहुपक्षीय, द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण एजेंसियों से बाह्य सहायता ऋण लेने की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास एक प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट (PPR) पेश करनी होगी। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा वित्तीय प्रबंधन और संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए लिया गया है।

महाराष्ट्र के वित्त विभाग ने इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार के सभी विभागों को बाह्य ऋणों के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति प्राप्त करनी होगी। यह आदेश राज्य के वित्तीय हालात और ऋण के प्रभावी प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि बाह्य ऋणों को केवल वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के एक साधन के रूप में देखा जाए, और यह सुनिश्चित किया जाए कि ऋण की राशि राज्य के राजकोषीय घाटे के सीमा से बाहर न हो। इसके अलावा, राज्य सरकार ने यह निर्देश भी दिया है कि किसी भी विभाग द्वारा प्रस्तावित बाह्य ऋण की योजना में इस बात का ख्याल रखा जाए कि वह राज्य के दीर्घकालिक वित्तीय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर न डाले।

इस आदेश के बाद, अब प्रत्येक विभाग को अपनी योजनाओं के लिए एक प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट तैयार करनी होगी, जिसमें उस परियोजना की वित्तीय आवश्यकताओं, अनुमानित लागत और उस परियोजना के परिणामों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इसके बाद, यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी, जो परियोजना की वैधता और वित्तीय स्थिरता की समीक्षा करेंगे। यदि मुख्यमंत्री उस परियोजना को उचित मानते हैं, तो वे उसे मंजूरी दे सकते हैं।

महाराष्ट्र सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि बाह्य ऋणों का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से हो और राज्य के वित्तीय संकट को और न बढ़ाया जाए। इससे पहले, राज्य सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता और राज्यों से मिलने वाली सहायता का भी लाभ लिया है, लेकिन बाह्य ऋण की स्वीकृति अब केवल मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही संभव होगी।

यह कदम राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाने के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने में भी सहायक साबित होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह निर्णय राज्य के समग्र वित्तीय स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और राज्य सरकार को बेहतर वित्तीय निर्णय लेने में मदद करेगा।

अंततः, यह आदेश यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य के विभाग बाह्य ऋण का उपयोग सही और सुरक्षित तरीके से करें और इसके द्वारा वित्तीय संकट में कोई अतिरिक्त वृद्धि न हो।

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