धर्म के प्रति अंधविश्वास और अंधी श्रद्धा से बचना चाहिए। धर्म के नाम पर जो लोग समाज और देश को गुमराह करते हैं, वे सिर्फ अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए काम कर रहे हैं। जब तक आप सचेत नहीं होंगे, तब तक वे आपके विश्वास का फायदा उठाकर देश को नुकसान पहुंचाएंगे। धर्म की आड़ में गौमांस बेचना, चंदा इकट्ठा करना और आपके श्रम का धन लूटना इनका उद्देश्य है। समझदारी से काम लें और इन षड्यंत्रों से बचें, क्योंकि केवल शिक्षा और जागरूकता से ही आप अपने देश और समाज की रक्षा कर सकते हैं।
क्या इसका उद्देश्य लोगों की भलाई के लिए उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है या यह एक धर्म आधारित मामला बन गया है? यह सवाल आजकल बहुत चर्चा का विषय बना हुआ है, खासकर जब हम कुछ खाद्य और पेय पदार्थों के बारे में सोचते हैं। एक तरफ, बाजार में शुगर बेस्ड कोल्ड ड्रिंक्स, सिरप, स्क्वैश, रसना, और शर्बत जैसे उत्पादों की भरमार है, जिनमें अत्यधिक मात्रा में शुगर, फ्लेवर, कंसंट्रेट, केमिकल्स, और प्रिजर्वेटिव्स डाले जाते हैं। कई बार तो इन उत्पादों में पेस्टिसाइड्स तक पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकते हैं।
रियल ज्यूस जैसे कई प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन क्या ये वाकई स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं? इन्हें भी बनाने के दौरान कई तरह के प्रोसेस और रासायनिक तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनका शरीर पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, हाल ही में मुकेश अंबानी ने कैम्पा कोला ब्रांड को खरीदकर विभिन्न प्रकार के कोल्ड ड्रिंक्स लॉन्च किए हैं, जो पहले की तरह हानिकारक हो सकते हैं। तो सवाल यह उठता है कि जब इतने सारे उत्पाद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, तो रूह अफज़ा जैसे एक विशेष उत्पाद के प्रति इतना विरोध क्यों किया जा रहा है?
आपका विरोध केवल रूह अफज़ा तक सीमित क्यों है, जबकि अंबानी और पतंजलि जैसे अन्य बड़े ब्रांड्स के उत्पादों पर आपकी चुप्प क्यों है? अगर आपका उद्देश्य सिर्फ जनता की भलाई है, तो आपको रूह अफज़ा सहित सभी शुगर बेस्ड और रासायनिक तत्वों वाले उत्पादों के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए थी, न कि किसी एक धर्म विशेष के उत्पाद को निशाना बनाना। यह सवाल इस बात पर प्रकाश डालता है कि क्या वास्तव में उद्देश्य सिर्फ स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना है या फिर किसी विशेष धर्म के उत्पाद के खिलाफ प्रचार करना है।
यदि हम सचमुच लोगों की भलाई की बात करें, तो हमें केवल एक उत्पाद का विरोध करने की बजाय, सभी हानिकारक उत्पादों के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। जब तक हम इन उत्पादों के नुकसान से लोगों को अवगत नहीं कराएंगे, तब तक उनका सेवन जारी रहेगा, और यह हमारी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक रहेगा।

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