ओडिशा का एक अद्भुत और भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील

चिलिका झील ओडिशा का एक अद्भुत और भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है। यह झील अपनी जैव विविधता, प्रवासी पक्षियों, और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। चिलिका झील बंगाल की खाड़ी से जुड़ी हुई है और यह पुरी, खुर्दा और गंजाम जिलों में फैली हुई है।प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग: यह झील सर्दियों में साइबेरिया, रूस, कजाकिस्तान और अन्य ठंडे देशों से आने वाले हजारों प्रवासी पक्षियों का घर बनती है। खासकर नलबन पक्षी अभयारण्य में पक्षियों की अद्भुत विविधता देखने को मिलती है।

डॉल्फिन दर्शन: चिलिका झील में दुर्लभ इरावदी डॉल्फिन पाई जाती हैं, जिन्हें सतपड़ा द्वीप के पास देखा जा सकता है।मछली और समुद्री जीवन: यह झील मछली पकड़ने का एक प्रमुख केंद्र भी है और यहाँ विभिन्न प्रकार की मछलियाँ और झींगे पाए जाते हैं।कालिजाई मंदिर: झील के बीच स्थित कालिजाई द्वीप पर माँ कालिजाई का प्रसिद्ध मंदिर है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।बोटिंग और प्राकृतिक सौंदर्य: पर्यटक यहाँ नौका विहार का आनंद ले सकते हैं और आसपास की प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठा सकते हैं।

चिलिका झील, जो ओडिशा राज्य के पुरी, गंजम और खोरधा जिलों में फैली हुई है, भारत की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील और एशिया की तीसरी सबसे बड़ी झील है। यह झील अपने प्राकृतिक सौंदर्य, विविध वन्यजीवों और पक्षी अभयारण्यों के लिए प्रसिद्ध है। चिलिका झील न केवल पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल है, बल्कि यह पर्यावरण और जैव विविधता के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह स्थल विशेष रूप से पक्षी प्रेमियों, प्रकृति प्रेमियों और पर्यावरण संरक्षण में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आदर्श स्थल है।

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