अबू आजमी के औरंगजेब वाली टिप्पणी पर उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान

द मीडिया टाइम्स डेस्क 

महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी के औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान ने राज्य में सियासी हलचल मचा दी है। अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ करते हुए कहा था कि वह कोई क्रूर शासक नहीं थे। इस बयान के बाद से राजनीतिक पारा चढ़ गया, और इसे लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारे देवता माने जाने वाले व्यक्तित्वों के खिलाफ कोई भी गलत बोलेगा, उसे माफ नहीं किया जाएगा।

उद्धव ठाकरे ने अपने बयान में साफ कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज जैसे महापुरुषों के खिलाफ किसी ने भी अगर कुछ कहा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके अनुसार, यह एक विषय है जिस पर बहुत बहस हो चुकी है और उनका दृढ़ विश्वास है कि जो हमारे देवताओं के खिलाफ बोलेगा, उसे सजा मिलनी चाहिए।

वहीं, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी अबू आजमी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। शिंदे ने कहा कि औरंगजेब ने महाराष्ट्र की धरती पर अत्याचार किए थे, खासकर छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ। उन्होंने कहा, “औरंगजेब ने हमारे वीर महाराजाओं के साथ न केवल अत्याचार किए बल्कि उन्होंने महिलाओं के सम्मान को भी ठेस पहुंचाई और हमारे मंदिरों को नष्ट किया। वह कभी भी हमें हराकर नहीं जीत सका और उसे यहीं मरना पड़ा।” शिंदे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता अबू आजमी के बयान को कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने उनके निलंबन की मांग भी की।

अबू आजमी ने हालांकि अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने औरंगजेब के बारे में जो कहा था, वह इतिहासकारों द्वारा लिखी गई बातों का ही पुनः उल्लेख था। उन्होंने यह भी कहा कि वह महापुरुषों का सम्मान करते हैं, विशेष रूप से छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति साहू महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज का। आजमी का कहना था कि वे इन महान व्यक्तित्वों के खिलाफ कैसे बोल सकते हैं।

अबू आजमी के बयान ने राज्य में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें विपक्षी दलों और सत्ता पक्ष के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी का दौर जारी है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि महाराष्ट्र में ऐतिहासिक हस्तियों के प्रति सम्मान और श्रद्धा को लेकर राजनीति का एक बड़ा पहलू बन चुका है। यह विवाद न केवल राज्य की राजनीति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि समाज में भी विभिन्न ध्रुवों में बंटवारा कर रहा है।

राजनीतिक रूप से, अबू आजमी के बयान ने एक नई बहस को जन्म दिया है, जो छत्रपति शिवाजी महाराज और औरंगजेब जैसे ऐतिहासिक नायकों के प्रति सम्मान और उनके योगदान को लेकर गहरे मतभेदों को उजागर करता है।

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