महाकुंभ 2025: पहली बार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ज़रूरी चीज़ें

प्रयागराज: आस्था और आध्यात्मिकता के सबसे बड़े संगम, महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का ऐतिहासिक सैलाब उमड़ पड़ा है। अब तक 10.80 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं। कड़ाके की ठंड के बावजूद, गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। वहीं, प्रशासन 29 जनवरी को पड़ने वाली मौनी अमावस्या के लिए विशेष तैयारियों में जुटा हुआ है, क्योंकि इस दिन सबसे अधिक भीड़ उमड़ने की संभावना है।

महाकुंभ की भव्यता केवल भारत तक सीमित नहीं है; यह दुनियाभर के श्रद्धालुओं को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। रूस और यूक्रेन जैसे देशों के श्रद्धालु भी इस मेले में पहुंचे हैं, जहां वे ‘हरे राम, हरे कृष्ण’ के भजनों में लीन होकर एकता और शांति का संदेश दे रहे हैं।

हालांकि, कुंभ मेले की विशाल भीड़, रंग-बिरंगे घाट और अनगिनत गतिविधियां पहली बार आने वाले लोगों के लिए कभी-कभी चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं। लेकिन सही तैयारी के साथ, इस भव्य आयोजन का आनंद बिना किसी कठिनाई के लिया जा सकता है। यहां पहली बार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक संपूर्ण चेकलिस्ट दी गई है, जिससे वे अपने अनुभव को और भी स्मरणीय बना सकते हैं।

यात्रा से जुड़ी ज़रूरी चीज़ें:

  • क्रॉसबॉडी बैग: अपने पैसे, पहचान पत्र और मोबाइल फोन को सुरक्षित रखने के लिए हैंड्स-फ्री बैग अनिवार्य है।
  • वॉटरप्रूफ जूते: संगम और घाटों पर भीड़ के बीच चलने के लिए आरामदायक और टिकाऊ फुटवियर पहनें।
  • पानी की बोतल: पूरे दिन हाइड्रेटेड रहने के लिए इंसुलेटेड और पुन: उपयोग करने योग्य बोतल साथ रखें।
  • मौसम अनुकूल कपड़े: दिन की गर्मी के लिए हल्के और सांस लेने वाले कपड़े, और सुबह-शाम की ठंड के लिए शॉल या जैकेट साथ रखें।

तकनीकी सामान:

  • एयरटैग: अपना सामान ट्रैक करने के लिए यह उपकरण उपयोगी हो सकता है।
  • पोर्टेबल चार्जर: मोबाइल और अन्य डिवाइसेज़ को पूरे दिन चार्ज रखने के लिए पावर बैंक ज़रूरी है।
  • स्मार्टवॉच: लंबे वॉक के दौरान स्टेप काउंट और अन्य अपडेट्स के लिए स्मार्टवॉच बेहद कारगर होती है।

स्वास्थ्य और स्वच्छता:

  • फर्स्ट एड किट: हल्की चोटों और आपातकालीन स्थितियों के लिए बैंडेज, एंटीसेप्टिक वाइप्स और आवश्यक दवाइयां साथ रखें।
  • सनस्क्रीन और लिप बाम: दिन के समय तेज धूप से बचाव के लिए आवश्यक।

इन आवश्यक चीजों को साथ रखने से महाकुंभ के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वातावरण का भरपूर आनंद उठाया जा सकता है।

महाकुंभ हर 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है, और इस वर्ष प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक करोड़ों श्रद्धालु जुटेंगे। मान्यता के अनुसार, गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। सनातन धर्म में रचित यह आयोजन एक विशेष खगोलीय संयोग के तहत आता है, जिसे आध्यात्मिक शुद्धि और भक्ति के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।

महाकुंभ 2025 के दौरान कुल 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे यह भारत के इतिहास में एक भव्य और अविस्मरणीय अवसर बनने जा रहा है।

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