रांची में दिखने लगा बंद का असर, केंद्रीय मंत्री धरने पर बैठे

झारखंड में बीजेपी नेता सह पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल टाइगर की हत्या के विरोध में विभिन्न संगठनों ने आज झारखंड बंद का आह्वान किया। इस बंद का समर्थन राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों जैसे बीजेपी, आजसू, जेएलकेएम और कुड़मी विकास मोर्चा ने किया है। बंद के दौरान रांची सहित राज्य के अन्य हिस्सों में हिंसक घटनाएं और सड़क पर जाम लगने की घटनाएं सामने आई हैं। रांची में यह बंद पूरी तरह से प्रभावी होता दिख रहा है, जहाँ सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ है।

बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ओरमांझी के ब्लॉक चौक को जाम कर दिया है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। प्रदर्शनकारी इस बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरे हुए हैं और अनिल टाइगर की हत्या को लेकर सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, आजसू, जेएलकेएम और कुड़मी विकास मोर्चा के कार्यकर्ता भी बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरे हैं। सभी संगठन इस हत्या की कड़ी निंदा कर रहे हैं और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने की बात कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। वे धरने पर बैठ गए हैं और राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि अनिल टाइगर की हत्या ने राज्य में अपराध के बढ़ते ग्राफ को और भी उजागर किया है और यह सरकार की नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि वह इस मामले की जांच में तेजी लाए और दोषियों को कड़ी सजा दे।

वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि सरकार इस मामले में जांच कर रही है और जल्द ही दोषियों को पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, लेकिन विरोध और बंद के दौरान हिंसा को सहन नहीं किया जाएगा।

रांची में विभिन्न इलाकों में सड़कों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और पुलिस की तैनाती भी भारी मात्रा में की गई है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है और किसी भी प्रकार की हिंसा में शामिल होने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

झारखंड बंद के कारण राज्यभर में कई स्कूल और कॉलेज बंद हैं। व्यापारिक गतिविधियाँ भी प्रभावित हो रही हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ बंद के समर्थक सक्रिय हैं। सार्वजनिक परिवहन भी बंद है, और कई ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं।

राज्य में हो रही इस राजनीति और बंद के चलते आम जनता की परेशानियाँ बढ़ गई हैं। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे तब तक शांत नहीं बैठेंगे जब तक अनिल टाइगर की हत्या के दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता।

अंततः, यह स्थिति झारखंड में राजनीतिक उथल-पुथल को बढ़ाती जा रही है, और सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है कि वह इस समस्या को कैसे हल करती है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

hi_INHindi