बांग्लादेश में सियासी उथल-पुथल: शेख हसीना की पार्टी नेताओं का आक्रोश बोले भारत हमारे संघर्ष में मदद करे” |

बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ दिए गए हालिया मौत की सज़ा के आदेश के बाद उनकी पार्टी अवामी लीग में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने इस फैसले को “राजनीतिक साज़िश” बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है और पड़ोसी देश भारत से खुलकर मदद की अपील की है।

अवामी लीग के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि हसीना को निशाना बनाकर देश को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। एक नेता ने बयान में कहा, “यह फैसला न्याय के नाम पर बदला है। शेख हसीना ने आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ खड़े होकर देश को सुरक्षित बनाया। अब भारत को चाहिए कि वह हमारे इस संघर्ष में हमारा साथ दे।”

नेताओं ने आरोप लगाया कि विपक्ष “न्यायपालिका पर दबाव बनाकर” हसीना के विरुद्ध माहौल तैयार कर रहा है और यह सज़ा देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है। उनका कहना है कि हसीना हमेशा दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और भारत-बांग्लादेश संबंध मजबूत करने की पक्षधर रही हैं।

भारत के लिए संदेश अवामी लीग नेताओं ने अपने बयानों में यह भी कहा कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते ऐतिहासिक रहे हैं और कठिन समय में दोनों देशों ने एक-दूसरे का साथ दिया है। ऐसे में वे उम्मीद करते हैं कि नई दिल्ली इस “अन्याय” के खिलाफ आवाज उठाएगी।

सियासत में हलचल बांग्लादेश की राजनीति में इस फैसले के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया है। समर्थकों ने राजधानी ढाका सहित कई शहरों में प्रदर्शन किए। कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों की भी खबरें मिली हैं।

फिलहाल सरकार या न्यायपालिका की तरफ से किसी तरह की समीक्षा की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अवामी लीग नेताओं का कहना है कि वे कानूनी और राजनीतिक दोनों स्तरों पर लड़ाई जारी रखेंगे।

आगे क्या?

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा भारत-बांग्लादेश संबंधों और दक्षिण एशियाई राजनीति दोनों पर बड़ा असर डाल सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस फैसले को लेकर निगाहें टिक गई हैं।

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