बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए खोदे गए गड्ढे में लड़के की डूबकर मौत, ठेकेदार पर मामला दर्ज

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भिवंडी इलाके में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के अंतर्गत खोदे गए एक गहरे गड्ढे में डूबकर 12 वर्षीय एक बच्चे की मौत हो गई। यह दर्दनाक घटना सोमवार शाम को हुई, जब कोपर गांव में स्थित निर्माण स्थल पर पानी भरे गड्ढे में बच्चा गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पानी से बाहर निकाला गया। बच्चे की पहचान स्थानीय निवासी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि जिस गड्ढे में बच्चा गिरा, वह बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत निर्माण कार्य के लिए खोदा गया था, लेकिन वहां किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी। न तो चारों तरफ कोई बैरिकेडिंग थी, न ही चेतावनी बोर्ड लगाया गया था।

पुलिस ने इस मामले में ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। संबंधित धाराओं में लापरवाही और असुरक्षित कार्य प्रणाली को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है।
प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि ठेकेदार ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया और ना ही किसी प्रकार की सावधानी बरती गई, जिससे यह दुर्घटना घटी।
घटना के बाद स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला।
लोगों का कहना है कि निर्माण स्थल पर अक्सर बच्चे खेलते हैं और इतनी बड़ी परियोजना के तहत खोदे गए गड्ढों को बिना किसी सुरक्षा उपायों के खुला छोड़ देना घोर लापरवाही है।

 

गांववालों ने मांग की है कि इस प्रकार के निर्माण स्थलों पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
ठेकेदार से जवाब तलब किया गया है और बुलेट ट्रेन परियोजना के अन्य हिस्सों में सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

यह घटना न केवल एक मासूम की जान चली जाने की दुखद कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि बड़ी परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों की अनदेखी किस तरह से जानलेवा साबित हो सकती है। यह आवश्यक है कि भविष्य में ऐसी परियोजनाओं में काम शुरू करने से पहले सभी सुरक्षा उपायों को पूरी तरह से लागू किया जाए।

सरकार और संबंधित एजेंसियों को चाहिए कि वे न सिर्फ जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें, बल्कि सुरक्षा नियमों को अनिवार्य रूप से लागू करवाएं ताकि इस तरह की त्रासदियों की पुनरावृत्ति न हो।

 

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