हम मुंबई हमलों में न्याय के लिए भारत के प्रयासों का समर्थन करते हैं: राणा के प्रत्यर्पण पर अमेरिका

 

न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन: अमेरिका ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में आरोपी पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के बाद एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि वह लंबे समय से भारत द्वारा न्याय की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करता रहा है और इस प्रत्यर्पण के जरिए यह संदेश दिया गया है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग जरूरी है।

अमेरिकी न्याय विभाग और विदेश विभाग की संयुक्त प्रतिक्रिया में कहा गया कि, “मुंबई हमलों ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। अमेरिका इन हमलों के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को न्याय के कठघरे में लाने की भारत की कोशिशों का दृढ़ समर्थन करता है। तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने समुद्री मार्ग से मुंबई में प्रवेश कर coordinated हमला किया था। इस भीषण आतंकी हमले में 170 से अधिक लोगों की जान गई थी, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। इस त्रासदी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी आक्रोश और चिंता पैदा की थी।

तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने इन हमलों की साजिश में अहम भूमिका निभाई और हमलावरों को लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया। राणा पहले ही अमेरिका में एक अन्य आतंकी साजिश मामले में दोषी ठहराया जा चुका है और अब भारत द्वारा पेश किए गए सबूतों के आधार पर उसका प्रत्यर्पण संभव हुआ है।

भारत सरकार ने इस प्रत्यर्पण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह न्याय की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है और इससे यह स्पष्ट होता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत अकेला नहीं है। भारतीय विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें खुशी है कि अमेरिका ने हमारे सबूतों को गंभीरता से लिया और हमारे न्याय प्रणाली में भरोसा दिखाया।”

अमेरिका में भारतीय राजदूत ने भी इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच मजबूत होते रणनीतिक और कानूनी सहयोग का प्रमाण है।

इस घटनाक्रम से यह भी संकेत मिलता है कि भविष्य में अन्य आरोपियों को भी भारत लाने के प्रयासों को बल मिलेगा। अमेरिका और भारत के बीच आपसी समझ और कानून सम्मत सहयोग के तहत इस तरह के प्रत्यर्पण वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करेंगे।

मुंबई हमलों की यादें आज भी करोड़ों लोगों के दिलों में ताजा हैं, और तहव्वुर राणा जैसे अपराधियों को न्याय के कटघरे तक लाना इस दुखद अध्याय को न्यायपूर्ण अंत देने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।

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