बच्चियों से महिलाओं तक, उम्र की सीमाएँ तोड़ती हैवानियत…..

द मीडिया टाइम – सिन्हा जी 

डेस्क:  देश में दुष्कर्म के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, और यह स्थिति न केवल समाज के लिए चिंता का विषय है, बल्कि हमारी नैतिकता पर भी सवाल उठाती है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन अपराधियों के लिए उम्र का कोई मायने नहीं है। चाहे वह मासूम 5 साल की बच्ची हो या 50 साल की महिला, इन हैवानों के लिए उम्र बस एक संख्या है। उनके लिए केवल अपनी क्रूरता और हैवानियत को अंजाम देना महत्वपूर्ण है।

हाल के कुछ मामलों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। छोटी बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक, कोई भी सुरक्षित नहीं है। यह हैवानियत उस स्तर तक पहुंच गई है, जहां समाज की रक्षक प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस और न्यायपालिका से लेकर समाज तक, हर किसी को इस गंभीर समस्या का समाधान ढूंढना होगा।

दुष्कर्म के बढ़ते मामले हमारे समाज के लिए एक चेतावनी हैं। यह समय है जब हमें न केवल कानून को सख्त बनाना चाहिए, बल्कि समाज में भी जागरूकता फैलानी होगी। बच्चों को सही और गलत की पहचान कराना और महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना अब और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

इन अपराधों को रोकने के लिए हर नागरिक को जागरूक होना होगा और इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करनी होगी। समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे और इस हैवानियत को जड़ से उखाड़ फेंके।

 

बढ़ते दुष्कर्म के मामले: समाज के लिए चेतावनी

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