पुणे (प्रतिनिधि):- “अध्यक्ष दौलतराव मराठे स्वैच्छिक रक्तदान आंदोलन के भीष्माचार्य थे, अगर हम रक्तदान के क्षेत्र में उनके काम को और अधिक सख्ती से जारी रखते हैं तो यह उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी”। डॉ. काले ने आगे कहा, दौलतराव मराठे रक्तदान के लिए समर्पित कार्यकर्ता थे, उन्होंने कई लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। अपने जीवन के अंतिम क्षण तक उन्होंने जनकल्याण ब्लड बैंक द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित करने का कार्य जारी रखा। अब तक हजारों जरूरतमंद रोगियों को रक्त उपलब्ध कराया गया है। वे जनकल्याण ब्लड बैंक के कार्य में व्यस्त थे।काई दौलतराव मराठे के प्रथम स्मृति दिवस के अवसर पर मातृभूमि प्रतिष्ठान द्वारा कर्वेनगर के गिरिजा शंकर हॉल में भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया|
शिविर में मातृभूमि प्रतिष्ठान के सयदेव देहाद्राई, प्रथमेश जाखलेकर, गिरिजा शंकर सोसायटी के अध्यक्ष संजय कबाडे, सचिव कैलास ढांड, सुधीर खैबेकर, उल्हास जोशी, उदयन पाठक, संतोष अंगोलकर, वेदांत मराठे, संजय मराठे, अनिल वाघ मुख्य उपस्थिति रहे|कार्यक्रम की शुरुआत गणेश तांबे ने की।कल्याणी कोंडे ने रक्तदान गीत प्रस्तुत किया।कुल 126 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया।कर्वेनगर, वारजे क्षेत्र के नागरिक और शुभचिंतक बड़ी संख्या में मौजूद थे।