शहरी क्षेत्र में रहने के बावजूद, सड़क से कोसों दूर बेहरन गांव के ग्रामीणों का जीवन पगडंडी के सहारे चल रहा था। बरसात के मौसम में तो हालात और भी खराब हो जाते थे, जब ग्रामीणों को चार महीने तक नारकीय जीवन जीना पड़ता था। इस गांव के लोग स्वास्थ्य केंद्र, नगर पंचायत कार्यालय, थाना और आंचल जैसी बुनियादी सुविधाओं से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर थे, लेकिन उन्हें इन संस्थानों तक पहुँचने के लिए लगभग 9 से 10 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था।
गांव के लोग लंबे समय से सड़क निर्माण की मांग कर रहे थे, और अब उनका सपना सच होने जा रहा है। ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी का माहौल है, क्योंकि उनके गांव तक सड़क बनाने की योजना पर काम शुरू हो चुका है। यह न केवल गांव के लोगों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि यह उनके पूर्वजों का सपना भी पूरा करने जैसा होगा, जो हमेशा चाहते थे कि उनके गांव तक आने-जाने के लिए सड़क बनी हो।
इस विकास कार्य की पहल में सामाजिक कार्यकर्ता, गांव के युवा और नगर पंचायत के पदाधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान है। उनके प्रयासों से यह संभव हुआ है कि अब बेहरन गांव की समस्याओं को सुना और समझा गया है, और जल्द ही सड़क निर्माण का कार्य शुरू होगा।
झारखंड राज्य के 25 वर्षों बाद भी, एक ऐसा गांव जहाँ सड़क नहीं थी
झारखंड राज्य बनने के 25 साल बाद भी दुमका जिले का एक ऐसा गांव था, जहाँ सड़क निर्माण का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया था। यह गांव नगर पंचायत बासुकीनाथ के वार्ड नंबर 12 में स्थित है, और यहां तक पहुँचने के लिए ग्रामीणों को हमेशा 9 से 10 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी, जबकि यह सभी जरूरी संस्थान गांव से केवल डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर थे।
गांव में अब तक सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया था, और ग्रामीणों को इसके लिए बरसों तक इंतजार करना पड़ा। गांव के बीमार मरीजों को खाट में लदाकर चार लोगों के सहारे स्वास्थ्य केंद्र लाया जाता था, जिससे हालात और भी कठिन हो जाते थे।
सामाजिक कार्यकर्ता की पहल और नगर पंचायत के सहयोग से बदलाव
गांव की यह गंभीर समस्या देखकर गांव के युवाओं ने सभी ग्रामीणों को एकजुट किया और सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन मंडल से संपर्क किया। निरंजन मंडल ने इस समस्या को समझते हुए नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी अजमल हुसैन को बैठक में बुलाया। इस बैठक में ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को प्रस्तुत किया।
सामाजिक कार्यकर्ता के विशेष निवेदन पर कार्यपालक पदाधिकारी ने तुरंत ही जेसीबी मशीन भेजकर गांव जाने वाली सड़क पर उगे पेड़-पौधे और पत्थरों को हटाने के आदेश दिए। इस निर्देश के बाद, जेसीबी मशीन ने काम शुरू किया, और यह देखकर ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई।
सड़क निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर होगा
नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी ने इस अवसर पर ग्रामीणों को बताया कि इस काम को युद्ध स्तर पर किया जाएगा, ताकि उनका बरसों पुराना सपना जल्द ही पूरा हो सके। इस कार्य को सफल बनाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन मंडल ने अपने समय और प्रयासों को पूरी तरह से समर्पित किया है, और वह ग्रामीणों के साथ मिलकर इस परिवर्तन को आकार देने में जुटे हुए हैं।
अब बेहरन गांव के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही उन्हें एक अच्छी सड़क का लाभ मिलेगा, जिससे उनके जीवन की कई समस्याओं का समाधान होगा और उनका जीवन आसान हो जाएगा।

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